थाने में नाबालिग से दरिंदगी पर पूरा थाना हुआ लाइन हाजिर,एक्शन में एडीजी
सुभाष तिवारी लखनऊ
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में मानवता की धज्जियां उड़ाते हुए सामुहिक दुष्कर्म पीड़िता को इंस्पेक्टर ने भी अपनी हवस का शिकार बनाया।अब इस घटना पर आम लोगों से लेकर नेताओं तक का गुस्सा फूट पड़ा है।विपक्षी पार्टी के नेताओं ने इस घटना को लोकर योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है। सामाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़िता से मिलने के लिए ललितपुर रवाना हुए तो वहीं मामले के राजनीतिक रंग लेते ही प्रशासनिक महकमा हरकत में आया है।इस मामले में पहले ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।अब पूरा पुलिस थाने को ही लाइन हाजिर कर दिया गया है।
सरकार के स्तर पर हुई कार्रवाई की जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी।एडीजी ने कहा कि डीआईजी झांसी को मामले की जांच करने और एसएचओ पर आरोप लगाने वाली परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए रिपोर्ट सौंपने को कहा है।सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। तीन आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं।
आरोप है कि ललितपुर के पाली थाने के इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज ने किशोरी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था।इस दौरान उसने थाना परिसर में बने अपने कमरे में किशोरी से दुष्कर्म किया।आरोपी इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है और इंस्पेक्टर सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा पाली थाने में दर्ज किया गया है।
जानें पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल को चार लोग नाबालिग को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए।आरोप है कि चारों उससे दुष्कर्म करते रहे।किशोरी की मां अपनी बेटी के लापता होने का मुकदमा दर्ज कराने के लिए 23 अप्रैल को पुलिस कप्तान के पास पहुंची।एसपी ने पाली थाने की पुलिस को निर्देश दिए कि तत्काल किशोरी को बरामद किया जाए। आरोप है कि नाबालिग के मिलने के बाद पाली इंस्पेक्टर ने 27 अप्रैल को दिन में किशोरी के बयान दर्ज किए और फिर शाम को उसे थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले गया और वहां दुष्कर्म किया।