योगेन चित्तस्य पदेन वाचां मलं शरीरस्य च वैदिकेन ।* *योपाकरोत्तं प्रवरं मुनीनां पतञ्जलिं प्राञ्जलिरानतोस्मि॥

 *योगेन चित्तस्य पदेन वाचां मलं शरीरस्य च वैदिकेन ।*

*योपाकरोत्तं प्रवरं मुनीनां पतञ्जलिं प्राञ्जलिरानतोस्मि॥





बगड़िया बाल विद्या निकेतन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में *योगगुरु विमल पारीक* ने विभिन्न योगिक क्रियाओं को करवा कर, जीवन में नित्य योगाभ्यास करने का दिया मार्गदर्शन। 


हल्की बरसात, और सुहाने मौसम के बीच आत्मसात होना, खुद को खुद से जोड़ने का प्रयास, असीम शांति, ओजस एवम् प्रसन्नता, क्या कुछ नहीं था इस योग सत्र में।


*पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः।*

*पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते सर्वदेवताः॥*


पितृ दिवस के उपलक्ष में कार्ड मेकिंग गतिविधि का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने पिता के प्रति अपने प्रेम एवम् सम्मान को रंगों से सजा कर कागज़ पर मूर्त रूप प्रदान कर दिया।

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