औद्योगिक हब बनेगा राजस्थान, उपखंड स्तर पर होगा निवेश : उद्योग मंत्री

 औद्योगिक हब बनेगा राजस्थान, उपखंड स्तर पर होगा निवेश उद्योग मंत्री


सेमिनार में यूएस, यूके समेत 6 देशों और 11 राज्यों के निवेशक हुए शामिल

जयपुर, 18 अगस्त। उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान औद्योगिक निवेश के लिहाज से भारत का पसंदीदा डेस्टिनेशन बन रहा है। वर्तमान सरकार का फोकस है कि राजस्थान को औद्योगिक हब के रुप में विकसित किया जाए।

श्री मीना ने बुधवार को राजस्थान में व्यापार और निवेश की असीम संभावनाएं” विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए उपखंड स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहें हैं।

देश - विदेश से जुड़े 225 से अधिक निवेशक

राज्य सरकार और भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा राजस्थान में व्यापार और निवेश की असीम संभावनाएं” विषय पर आयोजित सेमिनार में यूएस, यूके, दुबईबहरीनकुवैत और संयुक्त अरब अमीरात के साथ ही भारत के 11 राज्यों के करीब 225 से अधिक निवेशक वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

इस वित्तीय वर्ष में विकसित होंगे 100 नए औद्योगिक क्षेत्र श्री आशुतोष ए. टी. पेडणेकर

शासन सचिव उद्योग एवं एमडी रीको श्री आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने कहा कि वर्तमान सरकार का क्लियर विजन है कि राज्य को औद्योगिक पावरहाउस बनाना है। इसी मंशा को लेकर सरकार नीतियां बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के क्षेत्र विशेष की विशेषताओं को देखते हुए स्पेशल औद्योगिक जोन बनाए जा रहें है। केमिकल एवं पैट्रोकेमिकल्सएग्री एवं एग्रो प्रोसेसिंगऑटो एवं ईवीईएसडीएमअक्षय ऊर्जाटैक्सटाईललेदर, फर्नीचर एवं फुटवेयरमेडिकल एवं मेडिकल डिवाइसेसफार्मास्पोर्टस एवं टॉय तथा सेरेमिक्स सेक्टर विकसित किए जा रहें है। भविष्य की औद्योगिक जरुरतों को देखते हुए फिनटेक पार्क और प्लग एंड प्ले कॉम्पलेक्स विकसित किए जाने का निर्णय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहें। इस वित्तीय वर्ष में 100 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होंगे।

रिप्स के तहत 89000 करोड़ के प्रस्तावों को प्रमाणता पत्र जारी श्रीमती अर्चना सिंह

उद्योग आयुक्त श्रीमती सिंह ने कहा कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। इस कॉरिडोर के दोनों तरफ लगभग 150 किमी को औद्योगिक गलियारे के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसके कारण राजस्थान में निवेश की अपार संभावनाएं है और इसे देखते हुए ही नीतियां बनाई जा रही है। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना -2019 के तहत नए निवेश पर रियायतें दी जा रही हैं। इतना ही नहीं निवेशक की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए रियायतों का दायरा बढ़ाते हुए कस्टमाइज पैकेज का प्रावधान भी किया गया है। निवेश आकर्षित करने के लिए दी गई रियायतों के मामले में यह देश की पहली पॉलिसी है। दो साल से भी कम समय में इसके तहत करीब 89000 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं।

उद्योगपतियों ने की सरकार की औद्योगिक नीतियों की प्रशंसा

सेंट गोबेन इंडिया के एमडी श्री ए.आर. उन्नीकृष्णन ने कहा कि सेंट गोबेन राजस्थान में बड़ा निवेश करने जा रही। हर स्तर पर राज्य सरकार का सपोर्ट मिल रहा है। जेसीबी इंडिया के सीईओ एवं एमडी श्री दीपक शेट्टी ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को हितों को पूरा ध्यान रखकर नीतियां बना रहीं हैं।

सेमिनार में रीको की कार्यकारी निदेशक श्रीमती रुक्मणि रियार और सीआईआई राजस्थान चेप्टर के चेयरमैन श्री संजय साबू भी उपस्थित रहे।

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