*सरकारी जमीन पर खड़ा अवैध शॉपिंग काम्प्लेक्स, प्रशासन बना मुकदर्शक*
*सरकारी जमीन हड़पने की होड़*
*जांच के लिए बनी कमेटी ने भी माना अवैध कब्जा पर नहीं हुई सख्त कार्रवाई*
*अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमियों के हाॅसले बुलंद*
*99 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर खड़ा किया शॉपिंग काम्प्लेक्स*
बागोड़ा। उपखंड मुख्यालय के वीरपृथ्वीराज चैराहे पर खाली पड़ी सरकारी जमीन पर रसूखदार लोगों ने करोड़ो की सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेकर उनपर शोपिंग कोम्पलेक्स बना दिया। लेकिन रसूखदार लोगों ने जिस तरह अफसरों से साठ-गांठ कर बड़े पैमाने पर करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा किया है।
रसुखदारों पर नहीं होती कार्रवाई
उपखण्ड मुख्यालय पर शासन प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो जरूर होती है, लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ गरीब तबकों के लोगों पर ही होती है। प्रशासन को गरीब या भूमिहीन द्वारा किया गया अवैध कब्जा तो दिखाई देता है, लेकिन रसूखदार लोगों के बड़े बड़े काॅम्पलेक्स तक दिखाई नहीं देते। राजनितिक पहुंच के चलते अधिकारी भी ऐसे भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने से कतराते है। बागोड़ा कस्बे के मैन बाजार में गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा अपने माप के अधिक खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा पर उन पर शोपिंग काॅम्पलेक्स तक बना दिया लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब ग्रामीणों ने विरोद्ध किया तो तात्कालीन तहसीलदार मोहम्मद इकबाल ने इस अवैध काॅम्पलेक्स की जांच कमेठी बैठाई गई जिसमें पटवारी, आरआई एवं तहसीलदार द्वारा जांच करने पर नाप से अतिरिक्त कब्जा पाया गया, अतिक्रमी को नोटिस भी दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सड़क तक बना डाली चिढिया
इन अतिक्रमी ने दुकानो के बाहर चिढिया सड़क तक बना डाली है, लेकिन न तो ग्राम पंचायत कार्रवाई कर रहा है और न ही उपखंड प्रशासन। पंचायत से पुछने पर भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जाता है। अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमियों के हाॅसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे है।
कार्रवाई होने पर कई अतिक्रमण आऐंगे सामने
सरकार अगर अवैध अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई करे तो बागोड़ा ऐसी दर्जनों ईमारते जो कि अतिक्रमण कर बनाई गई है उन सब पर गाज गिर सकती है।
अतिक्रमी ने भामाशाह का चोला ओढ रखा है
बागोड़ा में इन अतिक्रमी ने अवैध तरीके से कई जगह सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे खुर्द बुर्द कर बैच देता है फिर अवैध तरीके से की गई कमाई मेंसे कुछेक हिस्सा ग्राम विकास में लगा लेता है, जिसके चलते वह भामाशाह बन बैठा है। भामाशाह का चोला ओढने से उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं कर रहे है।