लखनऊ ,स्लम आबादी को शिक्षित कर रही 20 साल की शमा, सड़क के फुटपाथ पर स्कूल का कर रहीं संचालन -

 *लखनऊ ,स्लम आबादी को शिक्षित कर रही 20 साल की शमा, सड़क के फुटपाथ पर स्कूल का कर रहीं संचालन -



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सुभाष तिवारी लखनऊ


लखनऊ ,उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में छोटे से कस्बे जैदपुर से आने वाली 20 साल की शमा अंसारी ने स्लम आबादी के बच्चों की जिंदगी में शमा जलाने की पहल शुरू की है। जिनघरों के बच्चे कभी स्कूल के लिए सोचते नहीं थे और उन्होंने स्कूल तक नहीं देखा था आज वे पढ़ाई कर रहे हैं। वह लखनऊ के जानकीपुरम सहित अन्य इलाकों के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले तमाम बच्चों के लिए सड़क के फुटपाथों पर इवनिंग स्कूल चला रही है। कोरोना काल में जब स्कूलों में कक्षाओं के संचालन बंद हो गया तो बहुत सारे बच्चों की पढ़ाई रूक गई। ऐसे में ग्रेजुएशन की पढ़ाई रही शमा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गरीब बच्चों को पढ़ाने की ठान ली।


*महिलाओं को शिक्षित करने की चला रही मुहिम*


जिसके बाद से वह इस काम में लग गई। अभी शमा की टीम में 10 अधिक लोग हो गए उसमें अच्छी बात ये सभी 20 साल के युवा हैं। शमा ने बताया कि वो महिलाओं को शिक्षित करने की मुहिम का हिस्सा बनना चाह रही हैं। ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आगे आ सके। उन्होंने आगे कहा कि उनकी माँ भी बिल्कुल पढ़ी नहीं हैं फिर उन्होंने मुझे पढ़ाया उसी सी प्रेरणा लेकर शमा गरीबो को पढ़ाने के साथ- साथ सरकारी योजनाओं के बारे में भी बता रही हैं। गरीब बच्चों को पढ़ाई के साथ रोटी मुहैया करवाने का मकसद उनका मकसद है।


*खुलकर बात करने के लिए भी करती हैं शिक्षित*


शमा ने हालही में फुटपाथ पर चलने वाले स्कूल नाम भी रखा है जिसे ध्रुवन फाउंडेशन नाम दिया गया है। इसके माध्यम से वह लोगों से किताबें, कॉपी व अन्य सामान जुटाकर गरीबों में वितरित कर रहीं हैं। शमा की टीम गरीब बच्चों को पढ़ाने के साथ लड़कियों की मेंसुरेशन क्लास भी ले रही है। वो कहती बहुत बार लड़किया माँओ से अपनी बातें साझा नहीं कर पाती हैं इससे वह उन्हें शिक्षित करती जिससे वह खुलकर अपनी बातें साझा कर सकें।

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