लक्ष्मणगढ के नागरिक परिषद कार्यालय और संस्कृत भारती के सहयोग से आयोजित ११ दिवसीय संस्कृत सम्भाषण शिविर
के दौरान शिक्षक श्री ओमप्रकाश से संस्कृत भाषा मे वार्तालाप करते हुए प्रशिक्षार्थी श्रीमती राजबाला महला,श्रीमती कुसुम ,और श्री प्रवीण ,श्री अमरचंद,विशाल,सौरभ,जाह्नवी इत्यादि ।संस्कृत भाषा देव भाषा है ,भारतवर्ष का पुरातन साहित्य ,वेद ,वेदांग,पुराण ,उपनिषद आरण्यक इत्यादि संस्कृत भाषा मे सुरक्षित है ।आजकल संस्कृत भाषा का प्राचीन गौरव विलुप्ति के कगार पर है।इस गौरव को पुनः प्राप्ति हेतु कटिबद्ध प्रशिक्षणार्थी । संस्कृत भाषा के प्चार प्रसार हेतु संभागियो द्वारा संकल्प लिया गया ।