जब मनुष्य का भाग्य खुलता है तभी राम कथा सुनने का मौका मिलता है:- गौ संत श्री रघुवीर दास जी महराज*


 *भगवान राम का चरित्र धर्म, शांति और पवित्रता देने वाला*


*जब मनुष्य का भाग्य खुलता है तभी राम कथा सुनने का मौका मिलता है:- गौ संत श्री रघुवीर दास जी महराज*     

*ललित गोलेछा की रिपोर्ट*

कुशलगढ़ नगर में पिछले 5 दिनों से चल रहे राम कथा यज्ञ को सुनने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 

 कथा वाचक गौ संत श्री रघुवीर दास जी महराज ने


कहाकी

गुरुजी के पास स्त्सग में हम भगवान के जन्म से लेकर उनके चरित्र को सुनतेहे  परंतु हमेशा  आनंद आता है भगवान के चरित्र को सुनाओ आनंद आता है जबकि एक दिन पुराना पेपर जो  हमने पडलिया वह दुबारा नहीं पड़ते 

भगवान का चरित्र से  हमे  आनंद आता हे 



व्यास पीठ की आरती ओम प्रकाश सोनी पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ललिता सोनी ने उतारी

 मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित कथा सुनाते हुए उपस्थित श्रोताओं से उनका अनुशरण करने का आग्रह किया।कहा की जीवन में विनम्रता होना जरूरी है और जब आप बड़े हो जाते हैं या बड़े लोगों के साथ रहते हैं तो यह और जरूरी है। बड़ा बनाना या ऊंचे पद पर पहुंचना आसान है, लेकिन वहां पर टिके रहना आसान नहीं है। इसके लिए तप चाहिए। बड़े आप बने हो तो आप की परीक्षा तो होगी। उन्होंने जीवन में मां की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पिता तो केवल एक अंश देता है, लेकिन मां की भूमिका तो बच्चे के व्यक्तित्व को स्वरूप देती है। मां का स्वभाव उसके संस्कार बच्चे में सबसे ज्यादा आते हैं। नारी का परिचय धैर्य, समर्पण, ममता, वात्सल्य, शील, वीरता, मर्यादा व दोनों कुलों का सम्मान बनाए रखना है। यह जीवन में सफल होने का मंत्र है। श्रीराम कथा में जो मनुष्य डुबकी लगा लेता है उसका उद्धार निश्चित है। राम चरित्र धर्म, शांति, पवित्रता, मोक्ष, सुख प्रदान करने वाला अलौकिक चरित्र है। इसे आत्मसात करने से मानव जीवन का कल्याण होता है। जीवन जीने की कला हमें भगवान राम का जीवन चरित्र सिखाता है।उन्होंने कहा कि जब मनुष्य का भाग्य खुलता है तभी राम कथा सुनने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि प्रभु राम ने इस धरती पर मानव कल्याण के लिये जन्म लिया था। वहीं राम कथा के पांचवे दिन राजा दशरथ के चारों पुत्रों के लालन पालन को लेकर कथा सुनाई गई। राजा दशरथ के चारों पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न के जन्म के उपरांत उनका पूरे दुलार के साथ लालन पालन, गुरु वशिष्ठ से शिक्षा ग्रहण व विधि के विधान के तहत महर्षि विश्वामित्र द्वारा चारों भाइयों के पराक्रम को भांपने व प्रभु श्रीराम जी की माता सीता से विवाह कराने के उद्देश्य से अपने साथ ले जाने इस प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में जुटे भक्त श्रद्धालु कथा सुन भाव विभोर हो गए।कथा के दौरान भक्तजन व राम का जयकारा लगा रहे थे, जिससे पूरा क्षेत्र राम के भक्ति में भक्तिमय हो गया.

सत्संग में  निर्माण समिति संरक्षक कैलाश राव समितियां अध्यक्ष। मुकेश अग्रवाल 

नपा उपाध्यक्ष नितेश बैरागी डी जैन हरेंद्र पाठक। भरत कुमावत ललित गोलेछा अरुण जोशी सुनील शर्मा मनसुख गादिया दिनेश शर्मा  विपिन भट  रजनीकांत सुधार तिलोत्तमा पांडिया  मधुबाला राव साधना पवार रितेश राठौड़

दिविया पांडिया

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