ब्लॉक-स्तरीय जनजातीय विकास समिति कुशलगढ़ व सज्जनगढ़ की त्रेमासिक बैठक का हुआ सफ़ल आयोजन
*ललित गोलेछा ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट*
आज दिनांक 25.6.2022 को वाग्धारा संस्थान बासवाड़ा द्वारा गठित ब्लाक स्तरीय जनजातीय विकास समिति की त्रेमासिक बैठक का आयोजन ग्राम पंचायत राठ धनराज व ठुमठ में किया गया | जनजातीय स्वराज संगठन तांबेसरा, कसारवाडी भिलकुआ से सदस्यों ने भाग लिया, बैठक में 143 किसान ,स्वराज सगठन पदाधिकारी व ग्रामीणों ने भाग लिया| सभी का वाग्धारा संस्थान से सहजकर्ता दिनेश डिण्डोर ने सभी का स्वागत किया,
बैठक में जनजातीय स्वराज सगठन सहयोग इकाई हिरण इकाई लीडर सोहन नाथ योगी ने बताया की सामान्यतः कृषि पद्धतियों से संबंधिात सूचनाए ज्ञान और कौशल समुदाय में विभिन्न चैनलों के माधयम से संप्रेषित किए जाते हैं।
कृषि विस्तार का प्राथमिक लक्ष्य कृषक परिवारों को तेजी से परिवर्तित होती सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों को धयान में रखते हुए उनके उत्पादन और विपणन संबंधी
रणनीतियों को उनके अनुकूल बनाने में सहायता करना है ताकि वे आगे चलकर अपनी निजी तथा समुदाय की प्राथमिकताओं के अनुसार अपने जीवन को ढाल सकें।
कृषि क्षेत्र में ज्ञान और निर्णय लेने की क्षमता यह अवधारित करती है कि किस प्रकार मृदा, जल और पूंजी का उपयोग किया जा सकता है। ज्ञान का सृजन करने और उसका प्रसार करने तथा कृशकों को निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए कृषि विस्तार केन्द्रीय भूमिका निभाता है। इस तरह
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और क्रषि प्रणाली में स्वदेशी परम्परिक ज्ञान प्राप्त करना , ग्रामीण अर्थव्यवस्था और क्रषि प्रणाली के दायरे को समझते हुए व्यापक प्रसार के लिय इसका दस्तावेजीकरण समय समय पर नियमित रूप से करना होंगा ,हम सभी को समुदाय में पुरुषों और महिलाओ दोनों सहित 25 प्रमुख जानकारी दाता किसान जो सर्वोतम क्रषि पद्तियो पर अपनी जानकारी साझा करने में सक्षम करने होंगे ,इसी प्रकार उपस्थित सहभागियों को अवगत करवाया की हम सबको अपने अपने क्षेत्र में बिज मित्र तेयार करने होंगे और खरीफ की बुवाई में स्वय देशी बीजो को काम में लेंगे,
इसके बाद वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक सच्चा स्वराज से बाबुलाल जाट ने सभी को ब्लॉक स्तरीय जनजातीय विकास समिति की मुख्य भूमिका के बारे में अवगत कराया एवं बताया की हम आपसी प्रेमभाव, स्नेह, मेल-जोल एवं अपने परम्परागत कौशल, ज्ञान, स्वावलम्बन व स्वराज की भावना से समुदाय के साथ मिलकर ग्राम विकास में अपनी भूमिका तय कर विकास की ओर आगे बढ़ना हैं, ग्राम पंचायतो व ग्राम आधारित योजनाओं में शासन की ओर से बजट निधारण के समय गाँव की स्थिति को ध्यान में रखते विकास योजनाओ का निर्माण करना होंगा, गाँव में कोई भी पात्र व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित ना रहे, अपने परम्परागत ज्ञान और अनुभवों के आधार पर निर्णय लेना होंगा |
अंत में दीपक पारिक ने बताया की व्यवहार में वांछनीय परिवर्तन लाना विस्तार का महत्वपूर्ण कार्य हैःकिसान और गृहणियां भी अपनी स्वयं की पहल से निरंतर अपने खेत तथा घर में सुधार लाने के तरीके ढूंढ़ती हैं। यह कार्य कठिन है क्योंकि लाखों किसान परिवार कम शिक्षित होने के साथ साथ अपनी व समुदाय की समस्याओं को मिलजुलकर समाधान की ओर ले जाना हैं। इस प्रकार बेठक का आयोजन कर संगठन अध्य्क्ष स्वजी भगत ने अपने विचार व्यक्त कर समापन किया , इस दौरान मान सिंह ,कमला, राकेश, बिना, मंजुला, रुबिन भाई, कैलाश भाई, सीता देवी, शरद कटारा, अनीता डामोर मनोहर मईडा, कल सिंह डामोर, दीपिका, राकेश डामोर, पस्क्ली कटारा गीता, मंजुला, रौशनी एसुमन, हकरू,जोगराम, बालू ,कल्पना आदि उपस्थित रहे ।