संस्कृत केवल भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति है और हमारी धरोहर है* ::डॉ रघुवीर *संस्कृत भारती का आवासीय भाषा बोधन वर्ग संपन्न*

 *संस्कृत केवल भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति है और हमारी धरोहर है* ::डॉ रघुवीर *संस्कृत भारती का आवासीय भाषा बोधन वर्ग संपन्न* 


सालासर (चुरू)27 जून स्थानीय शांति देवी साहू राजकीय संस्कृत कॉलेज में संस्कृत भारती की ओर से आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर का भाषा बोधन वर्ग दिनांक 22 जून 2022 से प्रारंभ हुआ जो आज संपन्न हुआ ।

शिविर में 15 जिलों के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया और संस्कृत का संभाषण सीखा ।संस्कृत संभाषण के दक्ष प्रशिक्षक श्री ओम प्रकाश एवं श्री शुभम वशिष्ठ सहित श्री कृष्ण दास, शुभम शास्त्री,चंद्रशेखर शर्मा, भगीरथ स्वामी, भवानी शंकर श्री बनवारी शास्त्री ,श्रवण कुमार आदि ने विद्यार्थियों को संस्कृत का संभाषण करना सिखाया साथ ही साथ प्रशिक्षणार्थियों को संयमित दिनचर्या एवं अनुशासित जीवन का पाठ भी पढ़ाया और उससे 5 दिन प्रयोगात्मक रूप से क्रियान्वित भी करवाया। शिविर का समापन आज संस्कृत मय वातावरण में संस्कृत भारती के संपर्क प्रमुख डॉ श्री रघुवीर प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित हुआ डॉ श्री रघुवीर प्रसाद ने अपने संबोधन में संस्कृत भाषा को सब भाषाओं की जननी बताते हुए इसे केवल भाषाएं नहीं अपितु देश की सांस्कृतिक धरोहर एवं संस्कृति बताया और इसके प्रचार-प्रसार का आह्वान किया , वही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अजय पुजारी पुत्र रामोतार जी पुजारी ने इस प्रकार के आयोजनों में अपनी ओर से अधिकाधिक सहयोग का आश्वासन दिया इस कार्यक्रम में स्थानीय पुजारी परिवार का भरपूर सहयोग रहा। श्री रामोतार जी पुजारी, बोदूराम जी पुजारी, श्री विनोद पुजारी एवं तापड़िया ट्रस्ट द्वारा आर्थिक सहयोग एवं शिविरार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था की तथा जसवंतगढ़ तापड़िया ट्रस्ट के डॉ श्री हेमंत कृष्ण शर्मा ने संस्कृत के प्रचार प्रसार और उन्नयन हेतु तापड़िया ट्रस्ट के योगदान का विश्वास दिलाया ।

मंचस्थश्री रामदेव साहू एवं श्री बनवारी शास्त्री ने भी उद्धबोधन दिया ।

वर्ग अधिकारी एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर श्री दामोदर प्रसाद ने शिविर की गतिविधियों के बारे में बताया शिविर संयोजक मनोज तंवर एवं सह संयोजक संजय कुमार रामचंद्र स्वामी छगन शास्त्री आदि ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किए ।

शिविर आयोजन में सहयोगी श्री जितेंद्र सिंह ओम प्रकाश गुलेरिया विजय कुमार गोपीचंद सोहन सिंह बडगूजर आदि सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

 कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने सरस्वती और बालाजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुवात की । प्रशिक्षु बालिकाओं ने संस्कृत गीतों की प्रस्तुतियां दी । 

समापन समारोह में लछमन गढ़ में एक गुरुकुल व्यवस्था का विद्यालय प्रारम्भ करने पर विचार किया गया।

 इस अवसर पर राज्यपाल पुरुष्कार प्राप्त छगन शास्त्री,व्याख्याता रामचन्द्र स्वामी, प्रो .भंवरलाल शर्मा , चन्द्र शेखर जोशी, भागीरथ स्वामी,सीताराम ,बलराज ,सन्दीपसैन आदि उपस्तिथ थे

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